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Saturday, May 5, 2012

मेरे चेहरे पे हशी न ढूंडो ......




मेरे चेहरे पे हशी न ढूंडो 
गमों से मेरा याराना है .....

मोहोब्बत में मिली दगा 
और दोस्तों ने दिया मुझे मैखाना है.....

बना बैठा में घर को अपने मेखाना
लोग कहते है मुझसे ये कोई दीवाना  है ....

अब तो हुआ बोतलों का शोर पुराना है

मुस्किल लगता जख्मों को सिल पाना है ...

..///..Gurjar..///..

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