"सिर्फ एक दुआ मांगी है कबूल करना,
भूल से भी कभी ,मुझे मेरी माँ से दूर न करना,
छीन लेना मेरे जिस्म से एक -२ कतरा लहू का ,
पर भूल के कभी मुझे माँ से दूर न करना"
(बी.एस.गुर्जर)
Monday, January 31, 2011
क्यों तेरी तस्वीर को अभी तक अपने सीने से लगाये बेठाहूँ
जो कभी हो नही सकता मेरा उस की आस लगाये बैठाहूँ
वो क्या जानेगी मेरी मोहोब्बत का दर्द इसलिए इस दर्द को अभी तक अपने सीने से लगाये बैठा हूँ !
wao,,,m .your,, big fane
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