हम कभी कुछ कहते
कभी वो कुछ सुनते...
कभी वो कुछ सुनते...
हर पल खाव आंखों में कई बुनते
कभी हम खामोश,
तो वो कभी कुछ खाव आंखों में बुनते
जुबा खामोश ,
फिर भी न जाने क्यों कानों में
गीत उनके गूंजते ...
इकरारे मोहोब्बत..?
कभी हम उनसे
तो कभी वो हमसे करते .....
सीधे साधे लवों की अठखेलियाँ
न हम कुछ बोलते,
पर बात दिल की बंद होंठों से पड़ लेते ....
.चल दिये वो बाहोँ से ,
कुछ अंजाम मोहोब्बत कर देते
सोचा राहों में दिल हम बिछायेंगे
थोड़ी देर और काश वो हमसे लिपटते ....
कुछ नाम मोहोब्बत थी ,
कुछ अंजाम मोहोब्बत हम करते ,
हम तो सांसे नाम उनके करते ...
कुछ अंजाम मोहोब्बत हम करते ,
हम तो सांसे नाम उनके करते ....
इतनी भी क्या जल्दी थी ..
कुछ पल और संग मेरे जी लेते ........ गुर्जर ....
चल दिये वो बाहोँ से , कुछ अंजाम मोहोब्बत कर देते
ReplyDeleteसोचा राहों में दिल हम बिछायेंगे
थोड़ी देर और काश वो हमसे लिपटते ....
बेहद मर्मस्पर्शी पंक्तियाँ
bhaav hi bhaav...
ReplyDeletesundar....!
man ko chu gaya
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