निकले और भी कई बहाने
दिल अपना बहलाने के..
ढुढता हूँ बहाने फिर
उसके मोहोल्ले में जाने के ...
तकदीरों का भरोषा छोड़ा
कोशिश कर रहा हूँ
तस्वीरों से उसकी दिल लगाने की ..
निकले और भी कई बहाने
दिल आपना बहलाने के ...
अपना ही जहाँ छूटा
किसी अपने के चले जाने से
कोशिश कर रहा हूँ
मेरा खुद का जहाँ बनाने की ...
दिल अपना बहलाने के..
ढुढता हूँ बहाने फिर
उसके मोहोल्ले में जाने के ...
तकदीरों का भरोषा छोड़ा
कोशिश कर रहा हूँ
तस्वीरों से उसकी दिल लगाने की ..
निकले और भी कई बहाने
दिल आपना बहलाने के ...
अपना ही जहाँ छूटा
किसी अपने के चले जाने से
कोशिश कर रहा हूँ
मेरा खुद का जहाँ बनाने की ...
....Gurjar...
मन के भावो को शब्द दे दिए आपने......
ReplyDeletebahut sundar rachna badhai
ReplyDeleteवाह ...:)))
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