वक़्त आया फिर एक तस्वीर खूबसूरती की लेकर ..
लम्हे बेताब हे युही तनहा गुजर जाने को ....
पहली फुहार जाने किस लम्हे की याद लायी
कुछ अधूरे पन्ने सिहाई के जो मुहताज थे
गुजारिश आज फिर से कर रहे हे
की तुम्हे सावन की पहली फुहार में
फिर से एक बार आपने गीतों में ढालूँ.....
///...Gurjar ..///
बहुत खूब
ReplyDeleteखुबसूरत अल्फाजों में पिरोये जज़्बात....शानदार |
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