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Monday, May 28, 2012

लोट आओ फिर दुनिया में मेरी ....

      
 ......गज़ल ........


लोट आओ फिर दुनिया में मेरी
तनहा हम जी नहीं सकते ......


कोशिसे तमान करते हे भुलादे तुमको
जीते जी हम तुम्हे भुला नहीं सकते ......


मेरी खुशियाँ तुझ से हे
बिन तुम्हारे गमों से हम दूर जा नहीं सकते ......


लोट आओ फिर दुनिया में मेरी
तनहा हम जी नहीं सकते ......


मोसम ए मोसम वीत जायेगा तनहा यूही
चाहते हुए भी हम तुम्हे सीने से लगा नहीं सकते .......


हम से  रूठो तो बात कुछ और हे तुम तो रूठे हो खुद से
हम चाहते हुए भी तुम्हे मना नहीं सकते .........


लोट आओ फिर दुनिया में मेरी
तनहा हम जी नहीं सकते ......


दुनिया मेरी खली हे तुझ बिन
किसी और को तुम्हारी जगह हम दे नहीं  सकते ....


रोते हे  हम तन्हायियोँ में अक्सर
जख्म दिल के हर किसी को बता नहीं सकते ......


लोट आओ फिर दुनिया में मेरी
तनहा हम जी नहीं सकते ...

./////...Gurjar..///...

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