पूछता हूँ तो बता देती है
रूठता हूँ तो मना लेती है!
कुछ ऐसा ही बंध गया है
उसकी यादों से मेरा रिश्ता
एक पल भी तनहा नहीं रहने देती ..?
हर पल मेरी यादों में बसी रहती है
कोई भी शाम तनहा न गुजर जाये
बस हर दम यही सोचती रहती हे!
मेरी बिखरी जिन्दगी को
हर पल वो समेटती रहती हे .
कितनी दूर चली गयी हे मुझसे ..?
सिर्फ मेरी यादों में रहती हे!
में गुजरता हूँ उसकी यादों से
बस कुछ हसीं पलों का हिसाब करती रहती हे
मुझे तो उसकी हर एक अदा हसीं लगती हे!
में सिकायत नहीं करता कभी जिन्दगी से
खामोश 'वीता'करती हे
.मैंने पायी हे जमाने की सारी खुशियाँ
वो हर एक पल मेरी यादों में रहती हे!
खुबसूरत यादो को सजोये सुन्दर रचना.....
ReplyDeleteGurjar Saahab aapki prabhavi lekhni dekh li.. Ab sochta hun ki aapke gaane kaise sunoon..
ReplyDeleteBahut acchha likhte hain.. Likhte rahiye..Badhai..
Aur aabhar humare blog par aakar hamari haunsala aafjai ke liye.. Aabhar..
waha bahut khubsurat shabd...abhivyakti ke sath
ReplyDeletebahut accha... true love.....beautiful
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