"सिर्फ एक दुआ मांगी है कबूल करना, भूल से भी कभी ,मुझे मेरी माँ से दूर न करना, छीन लेना मेरे जिस्म से एक -२ कतरा लहू का , पर भूल के कभी मुझे माँ से दूर न करना" (बी.एस.गुर्जर)
बहुत ही अच्छी.....
khobsoorat...***punam***bas yun..hi..tumhare liye...
bah
बहुत ही अच्छी.....
ReplyDeletekhobsoorat...
ReplyDelete***punam***
bas yun..hi..
tumhare liye...
bah
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