भीगी हुयी थी उसकी आंखे करनी थी मुझे तुमसे हजार बाते
न वो पल रुका न रुक सकी वो राते ,,
हाँ मुझे करनी थी तुमसे कितनी बाते
उठाये गम तुने कितने उठाये गम मैने कितने ,
पर न तू बदल सकी हालत ओर आती गयी क़यामत की कई रातें
कितनी सुन्दर थे वो दिन और कितनी सुन्दर थी वो राते
हाँ हमें और करनी थी उन से मोहोब्बत भरी कई बातें
हाँ मैने सुनी थी उसकी सिसकियाँ उसने की थी मेरे दिल से कई बातें
हाँ मुझे और करनी थी तुमसे कई बातें...
न भुला सके वो हमें न भुला सके हम उन्हें,
कुछ ऐसी ही ऊल्झी हुयी थी हमारी सांसे..
हाँ हमने गुजार दी उसी अहसाश को लेकर दिल में ,
वो तमाम मोहोब्बत की तनहा रातें...
हाँ मुझे और करनी थी तुमसे कई बातें..
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खुसबू मेहँदी की कुछ इस तरह महकी,
के मेरा सारे अरमा फनाह हो गये..
पर मैंने देखा था उसकी आँख से गिरती वो आंसु की एक बूंद,
उसी मेहँदी भरी हथेली पर उस पल हमें अहसाश हो गया,
हम तो तुझे खो कर भी पा गये...
भीगी हुयी थी उसकी आंखे करनी थी मुझे तुमसे हजार बातें..
न वो पल रुक सका न रुक सकी वो रातें..
हाँ मुझे करनी थी तुमसे कई बातें....
B.S. gurjar ...
awesom gr8 lovely gr8
ReplyDeleteawesome...dil ko chuliya is sayeri ne.........kaise baiyan karen dil me uthti hui us nami ko.......................................superb..........best wishes
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