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Tuesday, May 24, 2011

Meri Saari Khusiyan Tujh se Hai .................

मेरी सारी खुशियाँ  तुझ से है ,मेरे सारे  सपने तुझ से है ये धरती तुझ से है वो आकाश तुझ से है ,मेरे होंटोँ की मुस्कान  तुझ से हे मेरे जिस्म में जान तुझ से हे ,कैसे रुठुँ तुझ से मेरे हर रिश्ते की पहचान तुझ से हे 
में क्या बात करूँ  मेरी माँ इस जहाँ की हर जहाँ तुझ से हे ,मेरी भूंख तुझ से हे मेरी प्यार तुझ से हे ,देखा नहीं मेने कभी उस रब को मेरा तो हर भजन तुझ से हे मेरी  तो हर अजान  तुझ से हे ,हाँ हे मुझे याद जब से आया  हूँ इस दुनियां में हर पल मेरे साथ तब से तू हे ,तेरी निगाह ने मेरी निगाह से रिश्ता ये कैसा बांधा हे ,अगर बंद करों 


 आँख तो इसमे तू हे अगर खुली रखूं आपनी आंख तो भी इसमे तू हे ,मेरी खुशीयों की एक बूंद तुझ से हे ,मेरी खुसियों का समुन्दर तुझ से हे ,पूछो उनके दिल से जरा उनके दिल पे क्या गुजरती होगी ,माँ के नाम पे बस उनके पास तन्हाई होगी , बदनसीब होते हे जिनके पास माँ नहीं होती हे ,आंसू तो रहते हे आँख में उनके पर उन्हें पोंछने  के लिए पास उनके माँ नहीं होती हे ,बिना उसके नाम के बेटे की पहचान कैसे हे , में किसी और की तो बात नहीं कर रहा माँ पर मेरे जिस्म का एक -२ कतरा तेरे नाम का हे  ,जब जी चाहे मांग लेना मुझसे मेरी माँ ये  मेरी जिंदगी तो तेरे नाम कब से हे ....... पवन गुर्जर ........

7 comments:

  1. पवन गुर्जर जी
    नमस्कार!

    मां से संबंधित अच्छी रचना के लिए बधाई !
    मेरे होंटों की मुस्कान तुझ से है
    मेरे जिस्म में जान तुझ से है
    कैसे रूठूं तुझ से मेरे हर रिश्ते की पहचान तुझ से है


    मात्राओं की ग़लतियां सुधारलें , कृपया !

    हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  2. बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना !
    हार्दिक शुभकामनायें !

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  3. rajendra je dhanya baad or hum matraoan pr bishesh dyan denge .... sharad jee aap ka swagat hai..

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  4. is duniya mein agar sach mein bhagwaan h to vo maa hi hai.

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  5. laazvaab.....!!

    ***punam***
    bas yun...hi..

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