में नटखट नन्द का छोरा
लेकर पलटन अपनी दोडा!
कहाँ छुपायी मटकी मैया
क्या हुआ अब मेरी मैया!
'जतन' सखा अब सारे करलो
घोल दो मिश्री माखन में प्रेम की मईया
मत बांधो मोहे पेड़ से मईया
में तेरो हूँ कृष्ण कन्हिया!
में नटखट हूँ तेरो लल्ला
चोरी मोहे न आये मईया !
चुरा के माखन सखा ले गए सारा मईया
में तो हूँ बस यमुना तट का बंशी बजयिया!,,,,,,,,गुर्जर ...
मेरे सभी कवी बंधुओ, और मेरे ब्लॉग पर उपस्थित सभी मित्रों को जन्माष्ठमी की हार्दिक शुभकामनाये ,,,,,
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर....happy janmaastmi....
ReplyDeleteश्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeletenatkhat kanha ki kripa ap par bani rahe. bahut sundar rachna na......khush rahein ap hamesha
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