न जाने वो किसकी याद थी
युही तनहा गुनगुनाना मेरा क्या ये अच्छी बात थी
ना जाने उसमे कैसी बात थी!
कुछ तो था उसमे ,उसकी हर एक अदा में कुछ तो बात थी
न जाने वो किसकी याद थी !
मुझे तनहा नहीं रहने देती वो हर पल मेरे साथ थी
दिल के पास रहती है जितनी धड़कन उतनी वो मेरे पास थी !
न जाने वो किसकी याद थी
न जाने उसमे कैसी बात थी !
युही तनहा गुनगुनाना मेरा क्या ये अच्छी बात थी
दोस्तों का मुझपे हँसना क्या ये अच्छी बात थी !
न जाने वो किसकी याद थी
न जाने उसमे कैसी बात थी !
वो तो हर वक़्त मेरे साथ थी
वही खूबसूरत दिन थे वही खूबसूरत रात थी!
हर रोज खावो में आकर घंटों बातें करना
यही थी उसकी अदा जिसमे कोई नई बात थी !
न जाने वो किसकी याद थी
न जाने उसमे कैसी बात थी! ............
सच में... ना जाने किसकी याद थी...????? बहुत ही सुंदर रचना....
ReplyDeletejiski yaad kore kagaj par ukeri gayi ha... woh har waqt apke sath ha.. apka ehsas bankar.... tabhi to woh khas ha........
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