आज पैगाम उनका हमारे नाम आया हे
ऐसा लगा जैसे जाम कोई उसने मोहोब्बत का बनाया है!
महक उठी सारी बादियाँ हर तरफ मोसम कितना सुहाना है
आज तो दिल की हर एक बात उसे बताना है !
वो झुकी -२ नजर से उठाएंगे अपनी पलकें
दीदार फिर उनका होगा अभी से तेज हो गयी है दिल की धड़कन!
जब होंगे वो सामने मेरे ,न जाने फिर मेरा हाल क्या होगा
देखी है मेने उसकी आंखों में मोहोब्बत जो भी होगा सब अच्छा होगा !
तुम तो हो मेरा जहाँ हम तुमको कैसे भुला सकते है
जी नहीं सकते तुम्हारे बिना अगर कहोगी तो मर सकते है !
गम उठा सकते है सारे जहाँ का तुम्हारे लिए
मगर गम दे नहीं सकते हम एक भी तुम्हारे लिए !
अजाना जब भी दिल करे तुम्हारा
में खुशियाँ सारे जहाँ की समेट के रखूँगा तुम्हारे लिए!....गुर्जर ..
बहुत रोमांटिक....
ReplyDeleteथोड़ा अरेंज करे कविता को
और पंक्तिबद्ध भी करे...
सुन्दरता और बढ़ जायेगी...
superb............
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर...
ReplyDeletebehtreen najm Gurjar sahab.......
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