Text selection Lock by Hindi Blog Tips

Saturday, January 28, 2012

क्यों दोढ़ हूँ ख़ुशी से इसमे बड़ी बुराई है .........



क्यों दोढ़  हूँ ख़ुशी से इसमे बड़ी बुराई है
क्या थी मेरी हालत पहले और क्या अब बनायीं हे
समझा था जिस जिंदगी को अपना निकली वो परायी हे
क्या थी मेरी हालत पहले और क्या अब बनायीं हे .........

सच तो ये है की सारी दुनिया आज परायी हे
सात फेरों से बंधा हे जो बंधन उसमे भी बुराई हे
जिसे हमने बनायीं थी आपनी,निकली वो हरजाई हे 
क्या थी मेरी हालत पहले और क्या अब बनायीं हे .........

कर रहा हूँ इंतजार मोत का ,पर इसमे भी बड़ी कठनाई  हे
कटती नहीं ज़िंदगी आसानी से
 हर कदम पर बोछार दुश्मनो की आई हे
कभी बनके आ गयी गरीबी दुश्मन तो कभी बनके आ गयी बीमारी है
क्या थी मेरी हालत पहले और क्या अब बनायीं हे...

इसमे दोष नहीं भगवान् का ,किस्मत ने की भरपाई है
जिंदगी तो दे दी मगर मोत से बत्तर बनायीं हे
क्या थी मेरी हालत पहले और क्या अब बनायीं हे......

जन्मदाता ने तो अपना कर्म निभाया हे
इसे में अपना दुर्भाग्य  समझू या पाप जो ये जीवन पाया हे
क्यों दोढ़  हूँ ख़ुशी से इसमे बड़ी बुराई है
क्या थी मेरी हालत पहले और क्या अब बनायीं हे .....

छोड़ सच्चाई का दामन झूंठ से प्रीत लगायी है
सच से चलती नहीं ये दुनिया झूंठ से सबने इसे चलायी हे
 झूंठ बोल - बोल कर नेताओं ने की, पैसों की भरपाई    हे
बच कर निकल जाते हे नेता, पर फंसती जनता बेचारी  हे
इनके  घर तो रोज होती दिवाली ,पर मईयत तो जनता ने उठाई हे

क्यों दोढ़  हूँ ख़ुशी से इसमे बड़ी बुराई है
क्या थी मेरी हालत पहले और क्या अब बनायीं हे
समझा था जिस जिंदगी को अपना निकली वो परायी हे
क्या थी मेरी हालत पहले और क्या अब बनायीं हे .........


.///... गुर्जर ...///....    ....

4 comments: