कुछ दर्द मेरा भी .......
जीना अगर आसन होता तो लोग युही मारा नहीं करते ,
दर्द लेकर सीने में पल -२ दर्द से लडा नहीं करते!
वो तो कुछ रिश्तों की ढोर बंध गयी थी तुमसे वरना
यू तन्हाई में तुम्हारी याद में आसू बहाया नहीं करते !
अश्क बहते हे रुकने का नाम नहीं लेते
फिर भी हम अपने रिश्ते को कोई इल्जाम नहीं देते!
वो तुम्हारी हशी पर लुटा दी हमने जिंदगी अपनी सारी
फिर भी उस पल का कोई हिशाब नहीं लेते !
देख सकते अश्को का ये सिलसिला तो आप हमें
हमें गुनाहगार नहीं कहते
छूट जाता साथ जिंदगी का पर साथ हमारा न कभी छोड़ते !
जिस मोड़ पे आज तुमने हमें छोड़ दिया सायद कोई दुश्मन भी
हमें इस हाल में नहीं छोड़ते !
आज रिश्तों की कोई अहमियत नहीं
जो समझ सके दर्द एक दुसरे का वो रिश्ते आज कल नहीं
बस देख कर यहाँ दोस्ती का पोधा लगाना
क्योकि आज "शक" की कीटनाशक का कोई उपाये नहीं .........पवन गुर्जर .....
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