तकदीर से करो मोहोब्बत
, मत करो तस्वीर से मोहोब्बत
तस्वीर एक धोखा है
संभल जाओ बेटा गिरोगे मुह के बल
अभी मोका है !
जिस बात पर तुम गुरूर करते हो अपनी मोहोब्बत का वो
सिर्फ एक धोखा है!
चैन से खानी हो तो दो रोटी खा खालो
बरना तुम्हे तो हर पल भूंखा मरना है
जो डुबा बैठा हे तुम्हे वो तुम्हारी मोहोब्बत का कंगना हे!
में भुला बैठी हूँ तुझे अब मुझे तेरे संग नहीं चलना है
जिसके संग बंधेगी मेरे जीवन की वो मेरा सजना है !
अब निकल ले बेटा पतली गली से क्या तुझे पिटना है !
मोहोब्बत को आदत कभी न बनाओ
बहुत हो गया अब तो संभल जाओ
मोहोब्बत करने के और भी तरीके है ...
कोई और तरीका भी तो कभी अपनाओ !
कर सकते हो खुद से मोहोब्बत तो कर के दिखाओ
हो अगर हिम्मत तो बस एक बार खुद से नजर मिला के तो दिखाओ!
क्यों बने फिरते हो आवारा सडकों पर
अब तो घर अपने लोट के आओ !
और भी काम हे जीवन में कभी उस बंद किताब का
ख्याल तो जीवन में लाओ !
जिंदगी मिली है खुश रहने के लिए क्यों गमो को अपने दिल से लगाओ
तुम एक इंसान हो , इंसान होने का कुछ तो सबूत बताओ !......गुर्जर
good 1............
ReplyDeleteहकीकत भी ,,हास्य भी.. व्यंग्य भी, और सच्चाई भी
ReplyDeletenice post pawan:-)
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